Amavas Ki Raat , Dayan Ki Kahani

 Amavas Ki Raat , Dayan Ki Kahani

हिंदी कहानी पढ़ना किसे अच्छा नहीं लगता हैं. कहानियाँ पढ़ना और लिखना मुझे बहुत पसंद हैं. जब भी खाली समय मिलता हैं , कोई न कोई कहानी लिखता या पढता रहता हूँ. आज मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से एक और कहानी लिख रहा हूँ. जिसे मैंने अपने दोस्त से सुना था. लोगो का क्या हैं कुछ भी बोलते रहते हैं. पर डर एक ऐसा चीज हैं जो हर किसी के अंदर हैं.

 बात जब अमावस की रात का हो तो डरना लाजमी बन जाता हैं. ज्यादातर भूत प्रेत या चुड़ैल अमावस की रात में ही निकलते है. ये कहानी एक डायन की हैं. जो अमावस की रात में अपना सिद्धि पूरा करना चाहती थी. वो खतरनाक रात जब हर कोई अपने घरों में सोया  हो और दूर कही वीराने में कोई डायन तंत्र मन्त्र की सहायता से अपना सिद्धि पूरा कर रही हो.

 दुनियाँ में हर किसी को किसी न किसी चीज का नशा जरूर रहता हैं. किसी को पैसा कमाने का नशा तो किसी को कुछ पाने का नशा. इसी तरह डायन को भी अपने विद्या में निपुण होने का नशा होता हैं. डायन चाहती हैं की कैसे और किस तरह अपने डायन विद्या में निपुण हो सके. उसे इस काम को पूरा करने के लिए तरह तरह के काम करने पड़ते हैं. जो सब से प्यारा हो उसका जान भी लेना पड़े तो पीछे नहीं हटती. जो एक बार सोच ली उसे पा कर ही रहती हैं.

 अब क्या हकीकत हैं मुझे नहीं पता. मेरे ख्याल से तो डायन होती ही नहीं हैं. बहुत से लोग इन सभी चीजों पर विश्वास भी नहीं करते हैं. पर कुछ का कहना हैं की भूत प्रेत डायन होते हैं. जिस तरह से इंसान हैं उसी तरह से शैतानी ताकत भी हैं. सब कुछ इस धरती पे हैं. बस किसी चीज को पाने के लिए किसी चीज को सिद्ध करना पड़ता हैं. जब तक कोई मन्त्र सिद्ध न हो तब तक मन्त्र बेकार हैं. ये जो हवा दिखता नहीं हैं पर सब से शक्तिशाली यही हैं.

 जितने भी शैतानी ताकत हैं सभी का वाश इन हवाओं में हैं. सिर्फ वो मन्त्र आना चाहिए जो सिद्ध किया हुआ हो. मन्त्र सिद्ध होने के बाद बहुत ही ज्यादा ताकतवर बन जाता हैं. पर इन मन्त्रों को सिद्ध कर पाना बहुत ही मुश्किल हैं. गांव देहात में कोई औरत डायन विद्या सीखती हैं किसी से बदला लेने के लिए. ज्यादातर मन्त्र अमावस्या की रात को सिद्ध किया जाता हैं.

 क्यों की इस रात दुनियाँ की काली शक्तियों के लिए बहुत ही अनुकूल हैं. सोये हुए काली शक्तियाँ अमावस की रात को जागते हैं. उसी रात को इन शक्तियों से संपर्क साधा जा सकता हैं. ये कहानी भी अमावस की रात से जुड़ा हुआ हैं. गांव देहात के लोग भूत प्रेत पर बिश्वास करते हैं. उनका कहना हैं की डायन जैसी शक्ति भी होती हैं.

 डायन मतलब की एक ऐसी औरत जो जादू टोना करती हो. जिसे जादू आता हो. जिसके बस में किसी का प्रेत आत्मा हो और वो जो भी चीज चाहती हैं उस प्रेत आत्मा से करवाती हैं. पर डायन विद्या सिद्ध करना इतना आसान काम नहीं होता हैं. इसे पूरा करने में न जाने कितने दिन लग जाते हैं, यहाँ तक को सालों तक का इंतजार करना पड़ सकता हैं. तब जा कर डायन विद्यां सिद्ध होता हैं. इसे सिद्ध कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं हैं.

बहुत पहले की बात हैं. किसी गांव में पन्ना नाम का एक आदमी रहा करता था. वो बहुत ही बूढ़ा था. उसके दो बेटे थे. दोनों की शादी हो चुकी थी. जीवन बहुत ही ख़ुशी ख़ुशी चल रहा था. एक अमावस्या की रात का बात हैं. वो बूढ़ा आदमी जिसका नाम पन्ना था वो अपने घर के आंगन के पास चारपाई बिछा कर सोया हुआ था. अमावस्या की रात चरों तरफ ख़ामोशी और सन्नाट पसरा हुआ था. ठण्ड का  मौसम भी था.

 गांव देहात में ठण्ड के मौसम में चरों तरफ कोहरा छा जाता हैं. ठण्ड भी बहुत ज्यादा लगता हैं. इतना ठण्ड लगता हैं की हड्डी तक काँप जाता हैं. उसी ठण्ड के मौसम में पन्ना अपने घर के आंगन में सोया हुआ था. वैसे भी बुढ़ापा में नींद कहाँ आता हैं. पूरा रात आदमी करवट बदलता रहता हैं. पर शायद एक दो घंटा सो लिया यही काफी हैं. अमावस की रात चरों तरफ सन्नाटा ही सन्नाटा. अगर उस सन्नाटा को कोई चीर रहा था तो वो था झींगुर की आवाज. सिर्फ झींगुर की आवाज आ रही थी.

 पन्ना कभी इस करवट सो रहा था तो कभी उस करवट. बुढ़ापे में नींद भी कहा आती हैं. नींद लाने की चाह में सारी रात सिर्फ करवट ही बदलता था. अपने घर के आंगन में वो अकेला ही सोया हुआ था. रात काफी घनी हो चुकी थी. अँधेरा चारों तरफ फैल चूका था. पन्ना उस रात सोने की बहुत कोशिश कर रहा था. जब चारों तरफ अँधेरा और सन्नाटा छा चूका तो. पन्ना के कानो में किसी के पायल की आवाज टकराई. ऐसा लगा की कोई पायल पहन कर उसके घर के सामने से पार हो रहा हैं. पन्ना को थोड़ा भी समझ नहीं था की ये जो औरत घर के सामने से पार हो रही हैं वो कौन हैं ? पन्ना अपने बिस्तर पर लेटा हुआ था. पायल की आवाज साफ़ उसके कानो से टकरा रही थी.

 पन्ना कभी अपने ज़माने में बहुत ही फुर्तीला और अड़ियल इंसान था. किसी से डरना तो वो जनता ही नहीं था. पर उम्र का एक मुकाम ने उसे कमजोर बना  दिया. फिर भी पन्ना अपने बिस्तर पे रखा हुआ टॉर्च जला कर घर के बाहर की तरफ देखा तो उसके होश ही उड़ गए. उसने देखा की एक औरत जिसके हाथ में एक बच्चा हैं. वो औरत उस बच्चे को घसीटते हुए अपने साथ ले जा रही हैं. बच्चा उसके साथ जाना नहीं चाह रहा था. फिर भी वो उसे अपने साथ ले कर जा रही थी. वैसे भी गांव देहात में बच्चा चोरी का अफवाह बहुत ही ज्यादा रहता हैं. पन्ना ने सोचा की इतनी रात गए ये कौन औरत हैं. जो इस छोटे से बच्चे को अपने साथ लिए जा रही हैं.

 एक बार तो उसके मन में आया की जरूर ये कोई बच्चा चोर होगी तभी इतनी तेजी से यहाँ से जा रही हैं. किसी दूसरे गांव से बच्चा चोरी कर के कही ले जा रही होगी. पन्ना के टोर्च का लाइट सीधे उस औरत के ऊपर पड़ रहा था. वो औरत भी जान चुकी थी की किसी ने उसे देख लिया हैं. जब टोर्च का लाइट उसके ऊपर पड़ा तो वो औरत और भी तेजी से उस बच्चे को ले कर जाने लगी. पन्ना बहुत ही फुर्ती के साथ अपने बिस्तर से उठा और सामने रखे हुए लाठी को ले कर उस औरत की तरफ चल दिया. पन्ना बहुत ही तेज आवाज में बोल रहा था. जिस कारण उसके घर के अंदर सोये हुए दोनों बेटे जग गए. पन्ना उस औरत के पास जा कर उस से बोला की तुम कौन हो और इस बच्चे को ले कर कहाँ जा रही हो. तो औरत बोली की मेरे काम में बाधा मत डालो नहीं तो मैं तुम्हे जान से मार दूंगी. तुम नहीं जानते हो की मैं कौन हूँ ?

  पन्ना अभी उस से तेज आवाज से बात कर ही रहा था की घर का दरवाजा खोल कर उसके दोनों बेटे भी वहां आ गए. अकेला पन्ना रहता तो वो औरत पन्ना का कुछ बिगड़ सकती थी. पर जब पन्ना के दोनों बेटे सामने आ गए तो वो औरत उस बच्चे को वही पर छोड़ कर भाग गई. पन्ना का दोनों बेटा उस औरत का पीछा भी किये पर नहीं पता वो औरत अँधेरे में कहाँ खो गई. अमावस की रात का अँधेरा. वैसे भी बहुत खतरनाक होता हैं. जब वो औरत भाग कर अँधेरे में कही खो गई तो अब उन सभी के पास एक बच्चा रह गया. जो की लगभग पांच साल का था. पर एक दुविधा थी की लड़का कुछ भी बोलना नहीं जनता था. रात के समय पन्ना करे तो क्या करे. किसके घर जा कर पूछे की किसी के यहाँ से कोई बच्चा गायब तो नहीं हुआ हैं.

  सिर्फ सुबह का ही इंतजार था. सुबह होते होते पुरे गांव में इस बात का चर्चा फैल गया की कल रात गांव में बच्चा चोर आया था. गांव का हर कोई आ कर बच्चा को देखने लगा. अब तो वो बच्चा एक अजूबा हो गया. पूरा शरीर धूल मिटटी से सना हुआ आखिर कार ये बच्चा कौन हैं. जो इतनी उम्र का हो गया पर बोलने नहीं जानता हैं. बहुत देर तक घर के सामने भीड़ लगा हुआ था. किसी ने पन्ना के बेटों से कहाँ की इस लड़का को ले जा कर कोतवाली में दे दो. जिसका बच्चा भुलाया होगा वो इसे वहाँ से आ कर ले जाएगी. उसने  ऐसा ही किया उस बच्चा को ले जा कर कोतवाली में पंहुचा दिया और रात का सारा बात दरोगा साहेब को भी बता दिया. कुछ दिनों तक वो लड़का कोतवाली में रहा पर उस बच्चे के माँ पिता का पता नहीं लग पाया. वो बच्चा कौन हैं कहाँ से आया कुछ  भी पता नहीं चल पाया. एक औरत उस बच्चा को वहां से ले कर अपने घर चले गई और उसका परवरिश करने लगी. धीरे धीरे ये बात भी पुरानी हो गई. अब बहुत कम लोग इसका चर्चा करने लगे. पर अमावस की रात कहाँ ख़त्म होती हैं. वो तो फिर से आ ही जाती हैं.

 फिर से आमवास की रात आ गई. पन्ना अपने घर के आंगन में सोया हुआ था. अभी आधा रात ही बिता था की वो औरत पन्ना के पास आ कर खड़ी हो गई. रात का अँधेरा चरों तरफ सन्नाटा ही सन्नाटा पसरा हुआ था. तभी वो औरत उसके बिस्तर के पास आ कर खड़ी थी और पन्ना से बोली की उठ आज मैं तुम्हे मारने आई हूँ. पन्ना एक तो बूढ़ा आदमी था और उस पर ये भी नहीं जानता था की अमावस की रात वाली औरत उस से बदला लेना चाहती हैं. पन्ना अपने बिस्तर से जगा और उस औरत से बोला की तुम कौन हैं और यहाँ क्या करने आई हो.

 अभी पन्ना पूरा बात कह भी नहीं सका था की उस औरत ने तेज हथियार से पन्ना के ऊपर हमला कर दिया. पन्ना बहुत ही जोर से चिल्लाया उसकी आवाज इतनी तेज थी की पुरे गांव में गूंज रही थी. पन्ना का बेटा भी जग चूका था. पर दरवाजा बाहर से बंद था जिस वजह से दरवाजा खुल नहीं रहा था. वो औरत पन्ना के शरीर पर वॉर करती और कहती की तुम ने अमावस की रात को मेरा सिद्धि पूरा होने से रोक दिया. अगर किसी भी तरह उस लड़का का मैं बली चहरा देती तो आज मैं डायन विद्या में पारंगत हो जाती. पांच सालों तक का मेरा इंतजार तुमने ख़त्म कर दिया.

 आज मैं तुम्हे नहीं छोडूंगी. वो डायन पन्ना के शरीर पर उस वक़्त तक प्रहार करते रही जब तक पन्ना मर नहीं गया. जब तक उसका लड़का उसके पास पंहुचा तब तक पन्ना एक लाश बन चूका था. डायन नहीं पता फिर से उस अमावस की रात के अँधेरे में  कहाँ गायब हो चुकी थी. जब सुबह हुआ तब ये बात पुरे गांव फैल चूका था की पन्ना ने जिस लड़का को एक औरत से छुड़ाया था. वो औरत हकीकत में एक डायन थी जो अमावस की रात को अपना डायन विद्या सिद्ध करने के लिए एक लड़का का बली देना चाह रही थी. अब गांव वालों को भी समझ में आ गया की उस लड़का के पुरे शरीर में मिट्टी क्यों लगा था. डायन किसी छोटे बच्चे को अपना शिकार बनाई होगी. जिस से लड़का मर गया होगा. जब गांव वाले उसे दफना कर चले गए होंगे.

 तो वो औरत उस लड़का को जिन्दा कर के खिलाती होगी. पालती पोस्ती होगी. डायन का एक ही मकसद होता हैं. अपने सब से प्यारे जीव का कलेजा खाना. डायन उस दिन के इंतजार में होगी की जब बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाये और डायन सिद्धि का समय आ जाये. तो उस लड़का का बलि चहरा कर कलेजा खा जाये. जिस से वो डायन विद्या में पारंगत हो सकती थी. ये वही अमावस की रात थी जब डायन अपना सिद्धि पूरा करने के लिए उस बच्चे की बली चाहरने ले जा रही थी. पर पन्ना ने उसकी ये मनोकामना पूरा नहीं होने दिया.