Computer science – Horror Story

Computer science – Horror Story.

Computer Science


कितने माता पिता ऐसे होते हैं जो अपने बच्चों को उनकी रुचि  के विपरीत पढ़ने के लिए मजबूर करते हैं। सिर्फ इसलिए की वे जिस मोहल्ले में रहते हैं , उस मोहल्ले के बच्चे किसी अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में या फिर मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे होते हैं।  माता पिता भी चाहते हैं की उसकी औलाद किसी अच्छे पद पर काम करे।  परन्तु उनका ये सोच कही पर गलत भी साबित हो सकता हैं।

Padhe :-Khoon Ki Pyasi Chudail , Ek Chudail Ki Kahani.

कही पर माता पिता को भी अपने बच्चों से सलाह मसवरा  लेनी चाहिए।  ज़िन्दगी का   एक गलत फैसला पूरी ज़िन्दगी बर्बाद करने के लिए काफी हैं।  ये एक काल्पनिक कहानी हैं , जिसे मैंने अपने दोस्त के ऊपर  लिखा हैं।  जो मेरे साथ बी ० टेक ० कर रहा था।  वो एक लड़की से प्यार करता था जिसने आत्म हत्या कर ली।

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  उस वक़्त की कहानी हैं जब  हमने इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया था।  यही से इस कहानी की शुरुवात होती हैं।  वैसे मेरी भी कोई रूचि नहीं थी की मैं पढ़ लिख कर कोई इंजीनियर बनु।  परन्तु मेरे घर वालों और मेरे ट्यूशन मास्टर का बहुत बड़ा ख्वाब था की ये लड़का पढ़ लिख कर एक इंजीनियर बने।  पर दिल से मेरी कोई ख्वाहिश नहीं थी की मैं एक इंजीनियर बनु।

Padhe :-Ajib Si Ghabrahat , Bhoot Pret Ki Kahani.

  पर इतने अरमानों से इन्जिनीरिंग कॉलेज में एडमिशन ले लिया तो कुछ न कुछ पढ़ना ही पड़ेगा।  बहुत शर्मिंदा  होना पड़ता हैं जब कोई किसी सब्जेक्ट में फेल हो जाता हैं।  फेल  होने के डर से पढता था।  एक लड़की जिसका नाम नैना सेन था। वो भी मेरे साथ पढ़ती थी।  बहुत सुना था की वो लड़की पढ़ने  में बहुत तेज़ हैं।  मेट्रिक , इंटर  में उसके जितने मार्क्स थे।  उतने मार्क्स तो पुरे क्लास में किसी के भी नहीं थे।

Padhe :-Raste Me Betal , Ek Betal Ki Kahani.

  पढाई के मामले में अगर टीचर कोई प्रश्न पूछता  तो उसका हाथ सब से पहले उठता।  हमे लगता था की ये लड़की जरूर कुछ अच्छा कर के दिखाएगी।  परन्तु उसका ये हाल सिर्फ फर्स्ट सेमेस्टर तक ही सिमित रह गया। सेकंड सेमेस्टर में जब कोर सब्जेक्ट का पढाई शुरू हुई तो , उसकी रूचि पढाई पर से धीरे धीरे घटते चेले गई।  वास्तव में उसका फिजिक्स काफी अच्छा था।  जिस कारन उसे मैथ्स भी पसंद था।

Padhe :-Bhootiya School , Bhoot Pret Chudail Ki Kahani.

फिजिक्स के किसी भी प्रश्न का उत्तर वो सब से पहले दे  देती।  उसकी रुचि  फिजिक्स में सब से ज्यादा थी।  पर जब से कंप्यूटर साइंस का पढाई  शुरू  हुआ।  वो धीरे धीरे काफी डल  हो गई। उसके चेहरे की मायूसी साफ़ दिखने लगी।  मेरा दोस्त जो उसे चाहता था।  पर कभी भी अपने इश्क़ का इजहार नहीं कर पाया।  उसे भी बुरा लगने लगा।  एक दिन मैं और मेरा दोस्त क्लास की तरफ जा रहे थे की हमने देखा की आगे की तरफ से नैना आ रही है।

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  मेरा दोस्त उसे देख कर थोड़ा सा मुस्कुराया तो नैना के चेहरे पर भी थोड़ी सी मुस्कराहट आ गई।  उस मंजर को देख कर मैंने अपने दोस्त से कहाँ  की क्या दोस्त अब लगता हैं की तुम्हारी गाड़ी पटरी पर आ गई।  मेरे दोस्त ने कहा की देखते हैं वैसे भी मुझे वो सिर्फ पिछले दो सेमेस्टर तक ही अच्छा लगी। पर अब तो वो अपने सहेलियों से भी बहुत कम  बात करती हैं।  याद हैं जब वो शुरू शुरू में कॉलेज आई थी तो कितनी चंचल थी।  हर सवाल में वो अपना हाथ सब से पहले खड़ा करती थीपर नहीं पता अब उसे क्या हो गया हैं।

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पर उस दिन की वो मुस्कान मुझे नहीं पता था की वो मुस्कान उसकी ज़िन्दगी का आखरी मुस्कान होगा ।  एक रोज हम सभी अपने क्लास में बैठे  थे। हमारी क्लास एक मैडम ले रही थी।  वो क्लास c - प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का क्लास था।  मैडम का बहुत ही आसान सा प्रोग्राम बनाने के लिए बोली।  हम सभी अपने अपने कॉपी पर वो प्रोग्राम बनाने लगे।

Padhe :-Jinn Jinnat Ki Kahani, Jinn Jinnat Ki Duniya.

  कुछ ही देर में सभी ने वो प्रोग्राम बना लिया।  मैडम सभी के डेस्क के पास जा कर प्रोग्राम चेक करने लगी।  प्रोग्राम चेक करते करते वो नैना के पास पहुंची।  उसका भी कॉपी अपने हाथ में उठा कर चेक करने लगी।  तभी मैडम बहुत गुस्से में आ गई , कॉपी उसके सामने पटकते हुए बोली जब तुम का इतना छोटा सा प्रोग्राम नहीं बना सकती हो तो आगे का कोडिंग कैसे करोगी।  तुम्हारा तो बेस ही कमजोर हैं।

Padhe :-Tantra Vidya Ka Asar , Jadu Tona Ki Kahani.

  जब तुमको पढ़ना नहीं हैं तो अपने माँ - बाप का पैसा क्यों बर्बाद कर रही हो।  तुम अपना टी ० सी ० क्यों नहीं कटवा लेती हो।  तुम्हारे जैसे स्टूडेंट के कारन ही कॉलेज का नाम ख़राब हो रहा हैं।  क्या तुम इस कॉलेज में अय्यासी  करने आती हो।  या तुम्हारा समय पढाई के अलावा कही पार्क में कटता  हैं ? मैं लिख कर देती हूँ इंजीनियरिंग कर पाना तुम्हारे बस की बात नहीं हैं।  तुम यहाँ से चले क्यों नहीं जाती हो।  जा कर कही बी ० ए ० कॉलेज में एडमिशन ले लो।  उस दिन हम सभी मैडम की ये सभी बातें सुन रहे थे।

Padhe :-Chudail Ya Kuchh Aur ? chudail Ki Kahani.

  मैडम लगभग आधा घंटा तक उसे डाटते  रही।  पुरे क्लास का चेहरा नैना की तरफ घुमा हुआ था।  कुछ लड़के और लड़कियाँ  इस डाट का मज़ा ले रहे थे।  वे नैना को देख कर मुस्कुरा रहे थे।  नैना अपना गर्दन झुकाये रो रही थी।  उसका आंसू उसके आँखों से गिर कर बार बार डेस्क पर गीर  रहा था।  मैडम यहाँ तक कह दी की आज के बाद तुम कभी भी मेरा क्लास attain  मत करना।  उस दिन तो ऐसा लगा की मैडम बोलते बोलते थक गई होगी इसलिए चुप हो गई।

Padhe :-Ghadi Ka Sui, Bhoot Ki Kahani.

  पुरे क्लास में ख़ामोशी छा  गई।  चारो तरफ ख़ामोशी ही ख़ामोशी।  अगर उस ख़ामोशी को कोई तोड़ रहा था तो वो था नैना के सिसकने की आवाज।  क्लास ख़त्म हो गया सभी अपने अपने रूम चले गए।  हमलोग भी अपने रूम वापस आ गए।  उस रात किसी ने सोचा भी नहीं होगा की कल का दिन सभी के लिए बहुत मनहूस दिन साबित होगा।

Padhe :-Kaam Wali Reja Ka Bhoot, Chudail Ki Kahani.

  सुबह मुझे देर से जागने का आदत था।  मैं सुबह आठ बजे सो कर उठा।  मैं अपना मोबाइल switched on  किया, थोड़ी ही देर के बाद मेरे मोबाइल में मेरे एक दोस्त का कॉल आया।  मेरे दोस्त ने मुझे कॉल कर के कहा की नैना आत्म हत्या कर चुकी हैं।   मुझे तो यकीन  ही नहीं हुआ की नैना इतनी ज्यलदि हिम्मत हार जाएगी।

Padhe :- Do Saheli, Darawni Kahani.

  मैं अपने दोस्त को तुरंत कॉल किया और उसे बताया की नैना आत्म हत्या कर चुकी हैं।  पर मेरे दोस्त को पहले से पता था की नैना  अपनी ज़िन्दगी समाप्त कर चुकी हैं।  मुझे ये बात देर से पता चला क्यों की मैं सुबह आठ बजे सो कर उठा था।  पर कॉलेज के सभी स्टूडेंट को इस बात का पता चल चूका था।  मैं कॉलेज के लिए तैयार हो कर कॉलेज चला गया।  हम लोग दिन भर कॉलेज में सिर्फ नैना के ऊपर ही चर्चा करते रहे।

Padhe :- Aamavas Ki Raat, Dayan Ki Kahani.

  हम सभी इसी बात पर चर्चा करते रहे की आखिर कार इसमें आत्म हत्या करने जैसी क्या बात थी।  मैं कॉलेज में लड़कियों से बात करने लगा तब मुझे पता चला की उसे कंप्यूटर साइंस बिलकुल ही पसंद नहीं था।  उसे सब से अच्छा फिजिक्स लगता था।

Padhe :-Bharat Ka Bhutiya Railway Station.

साइंस के तीनो सब्जेक्ट में उसकी पकड़ बहुत अच्छी थी।  फिजिक्स का कोई भी सवाल को वो चुटकियों में पूरा कर लेती थी।  साइंस अच्छा होने के कारन उसका मेट्रिक और इंटर  में उसका मार्क्स  90 प्लस  से ज्यादा था।  पर उसकी कंप्यूटर साइंस में कोई रूचि नहीं थी।

Padhe :-Bhatakta Fakir, Ek Fakir Ki Kahani.

  उसे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग बिलकुल ही ख़राब लगता था।  उसने अपने माँ से भी कहा था की मुझे कंप्यूटर साइंस में नहीं पढ़ना हैं।  मुझे थोड़ा भी समझ में नहीं आता हैं।  उसने अपनी माँ से भी कहा था की मेरा यहाँ से सी ० एल ० सी ० निकलवा दो मुझे कंप्यूटर साइंस नहीं पढ़ना हैं।  मैं फिजिक्स से होनेर्स कर के बी ० एड ० करना चाहती हूँ , मुझे इंजीनियर नहीं टीचर बनान हैं।  उसके घर वालों को बी ० एड ० करना पसंद नहीं था।  उसके घर वाले उसे कंप्यूटर इंजीनियर बनाना चाहते थे।

Padhe :-Jinnat Ki Duniya,

  उसके माँ पिता अक्सर उसे कहा करते थे की तुम्हारी बहन US  में एक बहुत बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करती हैं।  तुम भी US  चले जाओ वहां  पर तुम्हारी ज़िन्दगी बहुत ही आराम से कटेगी।  पर नैना कंप्यूटर साइंस करना ही नहीं चाहती थी।  उसके माँ पिता बराबर उसे समझाते  और उस से कहते की बचपन में पढ़ना लिखना बिलकुल पसंद नहीं था।  पर एक बार पढाई पर ध्यान लग गया तो फिर क्या किताबों से ध्यान हटता  ही नहीं था।  तुम पढ़ती ही रहती थी।

Padhe :-Khoon Ki Pyasi Dakini.

  तुम्हरा पढाई में इतना ध्यान लग गया की तुम पढाई की कीड़ा बन गई।  किताब से एक पल भी दूर नहीं रहना चाहती थी।  नैना बार बार अपने माता पिता को समझती की उसका ध्यान सिर्फ फिजिक्स के ऊपर था।  वो फिजिक्स पढ़ना चाहती थी।  उसके माँ पिता हर बार उसे यही कहते की एक बार कंप्यूटर साइंस में ध्यान लग गया तो ये भी अच्छा लगने लगेगा।  सिर्फ जरुरत हैं हौसला बढ़ाने  की।

Padhe :-Laash Ne Daudaya, Bhoot Ki Kahani.

  एक बार ठान  लोगी की मुझे कंप्यूटर साइंस पढ़ना हैं तो कंप्यूटर साइंस के सभी सब्जेक्ट अच्छे लगने लगेंगे।  तुम हौसला मत हरो सिर्फ पढाई पर ध्यान दो।  मेरे ख्याल से नैना के माता पिता यही पर फेल  हो गए।  बहुत नाजुक स्थिति होती हैं जब कोई अपनी ज़िन्दगी के ऊपर एक्सपेरिमेंट करता हैं।

Padhe :-Machhli Bhat, Chudail Ki Kahani.

  ज़िन्दगी में रिस्क लेना अच्छी बात हैं , पर ये बहुत बुरी बात होती हैं जब कोई रिस्क लेना नहीं चाहता हो और कोई उसे जबरदस्ती रिस्क लेने के लिए कहे।  नैना मर चुकी थी और कुछ ही दिनों के बाद हकीकत  सभी के सामने चले आया।  सभी को पता चल चूका था की नैना आत्म हत्या क्यों की।  सभी समझ गए की आखिर कार नैना इतना खामोश क्यों रहती थी।

Padhe :-Jinn Jinnat Ki Kahani.

 धीरे धीरे दिन बीत  गए , सभी हालत सामान्य हो गए।  पर नैना की आत्मा को शांति नहीं मिली।  वो कॉलेज में भटकने लगी।  उसकी आत्मा सभी से कुछ बताना चाहती थी।  एक दिन मेरा दोस्त कंप्यूटर लेब जा रहा था उसे देर हो चुकी थी।  वो कंप्यूटर लेब  देर से पंहुचा और आ कर मेरे बगल वाले कंप्यूटर के पास  बैठ गया।

Padhe :-Kya Aatma Hoti Hain.

  ए० सी० रूम होने के बावजूद उसके माथे से पसीना निकल रहा था।  मैं उसे परेशान  देख कर उस से बोला।  की यार आज तुम इतना घबराया हुआ क्यों लग रहा हैं।  तो उसने घबराते हुए कहा की यार आज मैंने नैना को देखा।  मेरे मुँह से निकल गया क्या यार तुम क्या बकवास कर रहा हैं।  तो मेरे दोस्त ने मुझे यकीन दिलाया की जब मैं सीढ़ियों से चहरते  हुए कंप्यूटर लेब  आ रहा था की मैंने नैना को देखा की वो सीढ़ियों से उतर रही थी।  उसे देख कर मैं रुक गया , वो बिलकुल मेरे पास से गुजरी।

Padhe :-Rani Pokhar, Horror Story.

  उसने मुझे देखा और हल्का सा मुस्कराहट देते हुए सीढ़ियों से निचे उतर गई।  नैना को देखते ही मेरे पसीने छूटने लगे।  मेरा दिमाग काम करना बंद कर दिया।  वो जैसे ही सीढ़ियों से निचे उत्तरी मैं तेजी से चलता हुआ कंप्यूटर लैब पहुंच गया।  मेरे दोस्त ने मुझ से कहा की लगता हैं नैना ज़िंदा हैं।  मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था।

Padhe :-Kabr Ki Mitti, Kabr Ki Mitti Churane Se Kya Hota hain.

मैंने अपने दोस्त से कहा की तुम नैना को चाहता था इसलिए तुम्हे वहम  हो चूका हैं।  तुम नैना का याद दिल से निकाल  दो।  उसने मुझे यकीन दिलाने की बहुत कोशिश की पर मैं यकीन  करना ही नहीं चाहता था।  मुझे उस वक़्त पता नहीं था की नैना की आत्मा बेचैन हैं।

Padhe :-Roohani Takat, Bhoot Ki Kahani.

  वो कॉलेज में भटक रही हैं।  उसकी सब से बड़ी इच्छा अधूरी थी।  पर सभी को बहुत ज्यल्द  बिश्वाश हो गया की नैना मर कर भूत बन गई है।  एक दिन मेरे क्लास की कुछ लड़कियाँ  डेस्क पर बैठ कर आपस में बातें कर रही थी।  वो चार लड़कियाँ  थी जो आपस में किसी विषय पर बहस कर रही थी।

Padhe :-Kya Aatma Amar Hain.

  तभी एक लड़की की नजर पीछे डेस्क पर पड़ी , नैना अपने डेस्क पर बैठी हुई थी उसके बाल आगे की तरफ गिरे हुए थे और वो बैठ कर उन चरों लड़कियों की बातें बहुत ही ख़ामोशी से सुन रही थी।  एक लड़की की नजर अचानक उस पर पड़ी।  वो खामोश हो गई और केहुनी से इशारा कर के अपने साथ बैठी हुई अन्य लड़कियों को दिखाई।

Padhe :-Belgagra Machhli, Bhoot Ki Kahani.

  सभी को एहसास हो गया की पीछे कोई हैं।  जब अन्य लड़कियां पीछे मुड  कर देखी  तो सभी के होश उड़  गए।  नैना उन सभी के पीछे बैठी हुई थी।  उसका चेहरा उसके बालों से ढाका हुआ था।  मानो  बहुत देर से बैठ कर वो चरों लड़कियों की बातें सुन रही थी।  नैना बहुत खामोश थी।

Padhe :- Bhoot Ka Aawaz, Bhoot Ki Kahani.

  उन में से एक लड़की चिल्लाते हुए उठी और बाहर  की तरफ भागना चाही।  पर सामने डेस्क से टकरा कर नीचे  गीर  गई।  तीन लड़कियां तो क्लास से बाहर  भाग गई। उन सभी के आवाज़ सुन कर अन्य क्लास के टीचर और स्टूडेंट बाहर  निकले और मामला को समझना चाहे।  उन तीनो लड़कियों ने बताया की नैना क्लास में हैं और मेरी एक सहेली को पकड़ ली हैं।  सभी क्लास के अंदर जा कर देखे तो एक लड़की नीचे  गीरी  हुई थी, वो बेहोश हो चुकी थी। 

 वहाँ पर नैना की आत्मा नहीं थी।  पुरे कॉलेज में डर का माहौल फैल गया।  पर उस कॉलेज के टीचर मानाने के लिए तैयार ही नहीं थे की नैना मरने के बाद भूत बन चुकी हैं।  टीचर और प्रिंसिपल सभी को बहुत समझाए उन्होंने कहा की अगर कॉलेज में नैना की आत्मा हैं तो वो cctv  कैमरे में आना चाहिए।

  ऑफिस में डिस्प्ले लगा हुआ हैं पर किसी ने नैना की आत्मा को देखने की बात नहीं कही।  प्रिंसिपल ने उन चारों लड़कियों को समझाया की वो तुम्हारे साथ पढ़ती थी इसलिए तुम्हे वहम  हो गया हैं।  टीचर ने सभी को बहुत समझाया और किसी तरह मामला शांत करने की कोशिश की।

  पर स्टूडेंट समझ चुके थे की इस कॉलेज में कुछ अजीबो गरीब घटना होना शुरु  हो चूका हैं।  पर सभी बच्चे घबड़ा  चुके थे , मैं भी बहुत डर  चूका था।  हम सभी अपने हॉस्टल वापस चले आये। उसके बाद वाले दिन फिर मैं कॉलेज गया।  वैसे भी मैं कॉलेज देर से पहुँचता था।  कुछ दिनों तक तो सब कुछ सामान्य चला , किसी ने भी कुछ दिनों तक नैना को देखने की बात नहीं कही , पर एक दिन दो स्टूडेंट कॉलेज पहले पहुंचे उन दोनों का आदत था की वो कॉलेज पहले पहुंच जाते थे।

  वे दोनों जैसे ही कंप्यूटर साइंस के क्लास पहुंचे और जैसे ही दरवाजा खोल कर देखा तो तंग रह गए।  उन दोनो  ने देखा की नैना पहले से ही क्लास के अंदर बैठी हुई थी।  उसके बाल बिखरे हुए थे।  वो उसी डेस्क पर बैठी हुई थी जहा पर वो पहले रोज बैठती थी।

  उसका बाल आगे की तरफ बिखरा हुआ था।  जैसे ही उन दोनों लड़कों की नजर उस पर पड़ी दोनों वहा  से भाग कर कॉलेज से बाहर  निकल गए।  उन दोनों ने ये बातें सभी से बताया की नैना क्लास के अंदर बैठी हुई है। एक बार फिर से सभी बच्चे डर  गए।  कोई भी कंप्यूटर क्लास में जाना नहीं चाहता था।

  सभी के अंदर डर बैठ गया की कही वो अकेला हुआ तो कही नैना फिर से उसे न दिख जाये।  जब तक दस से ज्यादा बच्चे इकठ्ठा नहीं हो जाते तब तक कोई भी क्लास के अंदर नहीं जाता।  कॉलेज में नैना के आत्मा का डर इस कदर हावी हो गया की कॉलेज में लड़कों का आना भी कम  हो गया।

यहाँ तक की लड़कियाँ  तो कॉलेज जाना ही कम  कर दी।  मुझे भी अपने दोस्त के बातों पर बिश्वास हो चूका था जिसने नैना को कॉलेज के सीढ़ियों पर देखा था।  पर मैंने कभी भी नैना के आत्मा को नहीं देखा।  कंप्यूटर क्लास एक डरावना क्लास बन चूका था कोई भी अकेले वहाँ जाना नहीं चाहता था।  एक दिन कुछ स्टूडेंट्स इक्कट्ठा हुए और कंप्यूटर क्लास जाने का योजना बना कर कंप्यूटर क्लास में गए तो वहाँ  पर हम सभी ने जैसे ही बोर्ड पर देखा तो हमारे होश ही उड़  गए।

  बोर्ड पर कुछ लिखा हुआ था।  सब ने उस लिखावट को पढ़ा मैंने भी उस लिखावट को पढ़ा।  बोर्ड पर टेम्पररी मारकर से लिखा हुआ था।  " I HATE COMPUTER SCIENCE " और नीचे  नैना का सिग्नेचर कर के नाम भी लिखा हुआ था।  सभी बच्चे उसे पढ़ कर भक्क रह गए।  तुरंत कॉलेज के सभी टीचर को बुलाया गया।  यहाँ तक की प्रिंसिपल को भी बुलाया गया।  उन सभी ने भी उसे पढ़ा।

  मेरे क्लास की लड़कियां बोलने लगी की अब तो आप सभी को यकीन  आ गया की नैना मर कर भूत बन चुकी हैं और वो कंप्यूटर साइंस के रूम में रहती हैं।  वो इसी रूम को अपना वाश बना चुकी हैं।  हम सभी नैना की हैंड राइटिंग अच्छी तरह से पहचानते हैं।

  प्रिंसिपल साहब बोले की ये जरूर किसी बच्चे की शरारत हैं।  जिस से हमारे कॉलेज का नाम ख़राब हो रहा हैं।  तब सभी लड़के और लड़कियाँ  बोलने लगे की अगर ये हैंडराइटिंग किसी का हैं तो निचे किया गया सिग्नेचर किस का हैं।  ये सिग्नेचर तो नैना की ही हैं।  अगर आप को यकीन  नहीं आ रहा हैं तो नैना की फाइल निकलवाइये।  जिस में एडमिशन फॉर्म और भी बहुत से कागजात होंगे।

सभी में नैना के सिग्नेचर मिलेंगे।  उन सभी सिग्नेचर से मिला कर देखिये ये बिलकुल मिलता जुलता सिग्नेचर होगा।  सभी बच्चे अपनी बातों पर अड़े रहे।  पर प्रिंसिपल सर हम सभी को बहुत समझाने  की कोशिश किये।  टीचर भी हमे समझा रहे थे की भूत प्रेत जैसी चीजे नहीं होती हैं।  ये वहम  मात्र हैं और ये कुछ बच्चों की शरारत हैं।

पर हम सभी प्रिंसिपल साहेब की बातों में आना नहीं चाहते थे।  हम सभी ने फैशला किया की आज के बाद कंप्यूटर साइंस के क्लास में नहीं पढ़ेंगे।  प्रिंसिपल साहेब हमारी बातों पर सहमत हो गए।  प्रिंसिपल साहेब बोले की अगर ये क्लास तुम सभी के डर का कारण  हैं तो आज से इस क्लास को शील कर दिया जायेगा।  प्रिंसिपल साहेब जितना भी हमे ऊपर मन से समझा रहे हो पर हम भी जान चुके थे की उन्हें भी यकीन  हो चूका था की नैना की आत्मा कॉलेज में भटकती हैं।

  अपने कॉलेज को बचाने  का सिर्फ एक ही उपाय था।  कंप्यूटर साइंस के कमरे को हमेशा हमेशा के लिए बंद कर देना।  प्रिंसिपल साहेब पेओन को बुलाये और कंप्यूटर साइंस के दरवाजे में ताला  लगा कर सील लगवा दिए।  बाहर  एक बोर्ड भी टांगा  गया जिस में लिखा हुआ था।

  "DON'T OPEN THE DOOR" हम सभी उस दिन से दूसरी क्लास में शिफ्ट हो गए।  पर हमारे अंदर से नैना का भूत ख़त्म नहीं हुआ।  साल बीत  गए सभी बच्चे पास आउट हो कर अपने अपने घर चले गए।  बहुत गहरे गहरे दोस्त थे मेरे सभी टूटता चला गया।  किसी ने तुरंत नौकरी पाया तो किसी ने देर से , कोई सरकारी नौकरी का तैयारी करने लगा तो कोई बड़े शहरों की तरफ रुख कर लिया।  मैं भी सरकारी नौकरी का तैयारी करने के लिए अपने घर चला गया।

  पर सब कुछ बेकार मुझे नौकरी नहीं मिली तो इसका सब से ज्यादा दुःख मेरे पड़ोसियों को होने लगा।  मैं जब भी घर से बाहर  निकलता तो मेरी कोई न कोई आंटी मुझे रास्ते  में हो रोक कर पूछने लगती।  तुम्हारे कॉलेज में कैंपस नहीं आया था क्या ? पढ़ कर भी अगर नौकरी नहीं मिले तो बहुत अफसोस  होता हैं।  उन्हें क्या जवाब देता कैंपस तो आया था पर मैं सेलेक्ट नहीं हो पाया।

मेरे आस पास की कोई पड़ोसन  या भाभी मेरे घर आती तो बातों बातों में मेरे बारे में मेरी माँ से पूछना नहीं भूलती।  कोई कोई तो मेरी माँ से बोलती की मेरा लड़का तो दिन भर घूमता रहता था।  आज देखों रेलवे का जॉब मिल गया।  कोई पढ़ लिख कर भी नौकरी नहीं पाता  हैं कोई घूमते फिरते नौकरी पा  लेता हैं।  मेरी माँ भी बोलती की देख मेरे बेटे के भाग्य में क्या लिखा हैं।  बहुत पैसा खर्च कर दिए नहीं पता नौकरी मिलेगा या नहीं।

  मैं अपने आस पड़ोस के ताने  सुनता था तो मेरे पुरे बदन में आग लग जाती थी।  मैं उन तानों  को बर्दाश्त  नहीं कर पाया और सरकारी नौकरी की तैयारी छोड़ कर घर से बाहर  पैसा कमाने निकल गया।  घर वालों को बोल दिया की मुंबई में मेरा इंटरव्यू हैं मैं मुंबई जा रहा हूँ।

  मैं मुंबई आ गया और  यहाँ नौकरी खोजने लगा।  मुझे एक जगह नौकरी मिली पर मार्केटिंग की।  मैं मसालों की मार्केटिंग करने लगा।  हर किराने  की दुकान में जा कर मसालों  का आर्डर लेता हूँ और दूसरे दिन उन दुकानों में मसाले पहुँचता हूँ।  मेरे दोस्त यार सभी मुझ से बहुत पीछे छूट गए।

  मैंने कभी किसी से कांटेक्ट करने की कोशिश नहीं की।  आज मुझे अचानक नैना की याद आ गई।  नैना ने आत्म हत्या की -क्यों की उसे अपना भविष्य दिखने लगा था।  उसकी जिस में रूचि थी वो उसके बिपरीत पढाई पढ़ रही थी।  अगर आज वो ज़िंदा होती तो किसी स्कूल या फिर कॉलेज की टीचर होती।  उसका ख्वाब था की वो टीचर बने पर गलती कर दी की वो इंटरेंस एग्जाम दे दी और सिलेक्शन भी हो गया।

  आज जब मैं एक दूकानदार के पास गया तो वो मेरे मसलों को फेकते हुए बोला  को तुमने एक्सपायरी डेट वाले मसाले मुझे क्यों दिया।  जब मैं अकेले हुआ तो मुझे खुद पर रोना आया और सोचने लगा की मैंने क्यों इंजीनियरिंग की पढाई की।  काश की मैं इंजीनियरिंग नहीं करता तो आज मैं कुछ अच्छा कर लिया रहता।

  किसी को बोलने के लिए तो नहीं रहता जो पैसा मेरे माता पिता ने खर्च किये हैं वो सभी मैंने बेकार कर दिए।  मेरा मैथ्स बहुत अच्छा था।  मेट्रिक में कौन सा मैथ्स का प्रॉब्लम किस पेज में हैं और कौन से सीरियल नंबर में हैं मुझे इतना तक याद था।  मैं मेट्रिक और इंटर  में मैथ्स बहुत अच्छी तरह से बना लेता था।  काश की मैं अपना करियर मैथ्स को ही चुना होता तो आज मसाला बेचने का काम नहीं करना पड़ता।

  मैं भी किसी स्कूल में पढ़ा रहा होता।  कब तक अपने घर वालों और दोस्तों को धोखा दूंगा की मैं एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम कर करता हूँ।  आज तो चल जा रहा हैं पर जब मेरा शादी होगा तो सारा भंडा  फूट जायेगा।