Cricket Ka Bhoot - Wo Jo Marne Ke Baad Bhi Cricket Khelta Tha - Ladka Ka Aatma

Cricket Ka Bhoot - Wo Jo Marne Ke Baad Bhi Cricket Khelta Tha - Ladka Ka Aatma.

एक बार की बात हैं. ये कहानी एक गाँव की है. जो कि एक लड़का के भूत का है. हर किसी को कुछ न कुछ का शौक़ होता है. किसी को पैसा कमाने का शौक़ तो किसी तो खेलने का शौक. लोग कहते है कि अगर कोई जिस काम मे दीवाना हो और जिसे किसी चीज का जूनून हो.

 वो मर कर भी अपना शौक पूरा करना चाहता है. जूनून एक ऐसा चीज है जो आत्मा तक को शान्त रहने नही देता है. आत्मा को भी बेचैन कर के रख देता है. इसी तरह एक लड़का के ऊपर क्रिकेट का भूत सवार हो गया. जो मरने के बाद भी क्रिकेट खेलता था.

 लगाओ बहुत ही खराब चीज होता है. एक जमाना था जब बच्चे बहुत खेलते थे. स्कूल का छुट्टी क्या हुआ कि लड़के फील्ड में खेलने चले जाते थे. उस जमाने में आवादी भी बहुत कम था. खेलने का मैदान बहुत था. लड़के शाम के समय तरह तरह के खेल खेला करते थे. कोई गुल्ली दंड तो कोई कबड्डी. पर अब तो ऐसा लगता है बहुत से खेल खत्म होने वाला है. जो बच्चे पहले खेलते थे उस खेल का नाम तो अब के बच्चे जानते भी नही है. एक बार की बात है.

 किसी गाँव मे कुछ बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे. जैसे ही उनके स्कूल का छुट्टी हुआ सभी बच्चे कोई न कोई खेल में जुट गए. कोई कबड्डी खेल रहे थे तो कोई फुटबाल तो कोई क्रिकेट. वैसे ही कुछ बच्चों का समूह गांव के एक मैदान में क्रिकेट खेल रहे थे. मैदान गांव से बाहर एक सुनसान जगह पे था. वहाँ पर बहुत ही कम लोगो का आना जाना था. बच्चे अपने घर से बैट बॉल ले कर शाम के समय उस जगह पे पहुच जाते थे. जब बच्चे क्रिकेट खेलते तो उन्ही के उम्र का एक लड़का सभी लड़कों को क्रिकेट खेलते हुए देखता था.

 वो लड़का कुछ बोलता तो नही था. पर सभी बच्चों को क्रिकेट खेलते हुए देखता. लड़के भी अपने धुन में क्रिकेट खेलते रहते. शाम के समय जब सभी लड़के अपना बल्ला और बॉल ले कर वापस अपने घर चल देते. तब भी वो लड़का वही पर रुक जाता. ऐसा बहुत दिनों तक चला. एक बार जब वो लड़का क्रिकेट देख रहा था. तो क्रिकेट खेलते हुए एक लड़का उस लड़का से पूछा. क्रिकेट खेलने आता है. हमारे साथ क्रिकेट खेलोगे. जब उस लडका से एक लड़का पूछा तो वो अनजान लड़का बहुत ही उत्सुकता से अपना सर हिलाया.

 मतलब सर हिलाते हुए हामी भरा. लड़को को लगा कि इसे क्रिकेट समझ मे आता है या नही. ये तो सिर्फ एक टूक हमे खेलते हुए देखता है. फिर भी उसे अपने साथ खेलने के लिए बोला. वो अंजान लड़का उन सभी लड़कों के साथ क्रिकेट खेलने लगा. पर उस लड़के की गजब की फील्डिंग देख कर सब तंग रह गए. एक भी बॉल उसके तरफ से आगे नही जा रहा था. बहुत ही फुर्ती से वो लड़का हर बॉल को रोक देता. जब बॉलिंग का पारी आया तो भी वो गजब का बॉलिंग कर रहा था. बैटिंग तो उसका और भी झक्कास था. किसी को समझ मे नही आया कि खामोशी से क्रिकेट देखने वाला लड़का.

 इतना अच्छा क्रिकेट खेलता है. अपने मर्जी से हर बॉल को घुमा दे रहा था. मानो उसके हाथों में जादू हो. उसके बैटिंग बॉलिंग और फील्डिंग का कोई तोड़ ही नही था. जब खेल खत्म हुआ तो सभी लड़का अपने  अपने घर वापस चले गए. पर हर लड़का के जुबान पे सिर्फ उस लड़का का तारीफ ही था. कोई जानता नही था कि रोज उन्हें क्रिकेट खेलते हुए देखने वाला लड़का. इतना अच्छा क्रिकेटर है. बहुत दिनों से वो सभी को क्रिकेट खेलते हुए देखता था. पर कभी उसने कहा नही की वो भी क्रिकेट खेलने जनता है.

 और न तो किसी ने पूछा ही था कि क्या तुम्हें क्रिकेट खेलने आता है. वो दिन तो चला गया. उसके बाद वाले दिन को भी वो लड़का ठीक खेल के मैदान के पास ही खड़ा था. लड़के सभी जान चुके थे कि ये लड़का भी क्रिकेट खेलता है. अब और क्या था वो भी उस टीम में शामिल हो गया. उसका खेल इतना अच्छा था कि कोई उस से मुकाबला नही कर सकता था. न तो उसे आउट कर पाना किसी के बस में था और न ही उसके बॉल पर कोई चौका छक्का मार पाता.

 अब वो लड़का रोज खेलने आने लगा. पर वो सब से पहले खेलने आता और सभी के जाने के बाद ही वो खेल के मैदान से जाता. रोज का उसका यही आदत था. जब भी पिच पर खेलता तो अच्छे अच्छो का हवा गुम हो जाता. उस से बेहतर कोई खेल पाए ऐसा कोई था ही नही. वक़्त गुजरता गया और वो अंजान लड़का सब से मशहूर हो गया. सभी लड़के उसे बहुत मानते थे क्यों कि वो बोलता बहुत कम था.

 किसी को आउट करने पर न चिल्लाता था और न ही छक्का मारने पर जश्न मनाता था. सभी लड़को को उनकी सादगी बहुत अच्छी लगती थी. जब खेल खत्म हो जाता तो वो वही मैदान में रुक जाता. अगर कोई पूछ भी देता की तुम्हारा घर कहा है. तो वो उंगली का इशारा कर के बोलता की उस दूर गांव में मेरा घर है. लड़के भी सोचते कि उतनी दूर से ये लड़का यहाँ क्रिकेट खेलने आता है. रात के समय इतना लंबा सफर कर के दूर गांव में अपने घर भी जाता है. ऐसा चलता रहा क्रिकेट का खेल भी होता रहा.

 एक बार एक जगह क्रिकेट टूर्नामेंट होने वाला था. दूर दूर से अच्छे अच्छे टीम उस क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग ले रहे थे. इस टीम का मन किया कि क्यों न हम भी क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग ले. हमारे पास महान खिलाड़ी है. जो जिस बॉल को चाहे तो चौक मार सकता है. और जिस बॉल को चाहे तो छक्का मार सकता है. किसी मे इतना ताकत नही है कि उसे आउट कर दे. उसकी एक बॉल को झेल पाना अच्छे अच्छे खिलाड़ी के बस की बात नही है. लड़के सभी सोच लिए की ये क्रिकेट टूर्नामेंट तो हम ही जीतेंगे. सभी ने मिल कर ये निर्णय लिया कि वो टीम भी टूर्नामेंट में भाग लेंगी.

 सभी के सामने इस बात का प्रस्ताव रखा गया. सभी ने मिल कर पैसे भी जमा किये. यहाँ तक कि वो अंजान लड़का भी क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए पैसा दिया. टूर्नामेंट में नामांकन भी करा लिया गया. अब बारी थी उस मे अच्छा प्रदर्सन करने की. सभी लड़के अपने अपने हिसाब से मेहनत भी करने लगे. अब सभी लड़के कुछ समय और पहले आते और खेल का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करते. पर उन सभी को खुद से ज्यादा विश्वास उस अजनबी लड़का पर था.

 जो रोज उनके पास खेलने आया करता था. सभी को पता था कि जब तक ये लड़का है. तब तक उस टीम को हरा पाना बहुत मुश्किल है. अब देखते देखते क्रिकेट टूर्नामेंट का दिन भी आ गया. सभी खिलाड़ी क्रिकेट टूर्नामेंट जहा होना था. वहाँ पहुच गए. पर सभी को इन्तेजार उस अजनबी लड़का का था. जो सब से अच्छा खेलता था. इन्तेजार हो ही रहा था कि उस टीम का नाम मैक से पुकारा जाने लगा. अब तो खेलना ही था. बहुत इन्तेजार के बाद भी अंजान लड़का खेलने नही आया. सभी का नजर उस तरफ था कि कही से भी वो अंजान लड़का दिख जाए. पर वो लड़का कही नही दिखा. इधर क्रिकेट खेलने के लिए बुलाया भी जाने लगा.

 अब किया तो क्या किया जाए. किसी तरह वे सभी लड़के क्रिकेट खेले पर अच्छा खेलने के बावजूद हार गए. अब सभी लड़को को अपनी हार पर बहुत गुस्सा आया. सभी सोचे कि आज जो उनकी हार हुई है वो सिर्फ उस अंजान लड़के के कारण ही हुआ है. हार के कारण सभी का गुस्सा चरम पर था. टीम के लड़के अपना अपना साईकल उठाये और चलाते हुए उनके गांव के तरफ चल दिये. लड़के सभी इतना गुस्सा में थे कि अगर मिल जाये तो उसे पिट दे. इसी गुस्सा में उसके गांव के तरफ बढ़ गए. गांव में पहुचने के बाद वे सभी लड़के एक छोटे से होटल के पास गए.

 उन से उस अंजान लड़का का नाम ले कर पूछे कि इसका घर कहा है. पर वो उनका घर नही जानता था. गांव में अब उसके घर का पूछ ताछ करने लगे. पर किसी को पता रहता तब न बताता की उस लड़का का घर कहा है. बहुत जगह पूछने के बाद भी पता नही चला कि वो लड़का इसी गांव का है. तो उसका घर कहा है. तभी उस मे से एक लड़का एक आदमी से पूछा जो कही जा रहा था. उस लड़का ने उस अंजान लड़का का नाम ले कर पूछा कि इसका घर कहाँ है.

 तो उसने भी कहा कि इस नाम का कोई भी लड़का इस गाँव मे नही रहता है. पर जैसे ही उस लड़का ने कहा कि वो लड़का बहुत अच्छा।क्रिकेट खेलता है. ये सुनते ही वो आदमी चौक गया. वो आदमी बोला फिर से उस लड़का का नाम बताना. पर अब उसका नाम सुनते ही वो आदमी और भी ज्यादा चौक गया. और बोला कि ये लड़का इस गांव में रहता नही है बल्कि रहता था. आज से दस साल पहले वो एक बस के चपेटे में आ कर मर गया.

 पर वो लड़का इतना अच्छा क्रिकेटर था कि कुछ पूछो मत. उसके ऊपर तो मानो क्रिकेट का भूत सवार था. सोते जागते सिर्फ क्रिकेट का दीवाना. क्रिकेट का भूत तो ऐसा सवार था कि वो क्रिकेट के नशे में रहता था. पर आज दस साल बाद तुम लोग उसे खोजने क्यों आये हो. पर अब लड़के सभी उस आदमी के सवाल का जवाब क्या दे. बस इतना ही बोल पाए यू ही. वो आदमी वहाँ से चला गया. अब सभी लड़को का सिट्टी पिट्टी गुल हो चुका था. जिस लड़का को वे सभी पीटने का नियत से आये थे. वो तो कब का मर चुका है. वो जो मरने के बाद भी क्रिकेट खेलता था.

 अब लड़के सभी उनके ही गांव में थे. अपना साईकल मोड़े और सीधे उसके गांव से बाहर निकल गए. अपने गांव में आकर ही सभी के जान में जान आया. सभी लड़के बहुत डर गए थे. उन्हें तो यकीन ही नही हो रहा था कि वे एक मरे हुए लड़का के साथ क्रिकेट खेल रहे थे. सभी को डर भी था और खुद पर विश्वास भी कर पाना मुश्किल लग रहा था. कोई ऐसा संभावना भी नही लग रहा था कि. ये किसी का भूत है. जिसके ऊपर क्रिकेट का भूत सवार है.

 ऐसा कैसे हो सकता है कि मरने के बाद भी कोई क्रिकेट खेल. पर ऐसा हुआ था. कोई लड़का मरने के बाद भी सभी के बीच क्रिकेट खेलता था. बहुत दिनों तक लड़के उस मैदान में क्रिकेट खेलने नही गए. पर बाद में जाने लगे. सभी लड़को का ध्यान इस बात की तरफ ज्यादा रहता कि कही से भी वो अंजान लड़का दिख जाए. पर उस के बाद कभी भी वो लड़का नही दिखा.